केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल करने की तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया. इस तारीख को और आगे बढ़ने के लिए टैक्स एक्सपर्ट और सीए फर्म मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि तकनीकी दिक्कतें, फॉर्म में बार-बार बदलाव और पोर्टल की गड़बड़ियों की वजह से देरी हो रही है.
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FKCCI) और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) ने सरकार से आकलन वर्ष 2025-2026 के लिए ITR दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने को कहा है. इनका कहना है कि लोगों को तकनीकी समस्याओं और फॉर्म में बदलावों की वजह से काफी परेशानी हो रही है, जिससे ITR दाखिल करने में देरी हो रही है.
ये है मुख्य कारण
दोनों संगठनों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस के चेयरमैन को पत्र लिखकर ITR की डेडलाइन बढ़ाने की अपील की है. FKCCI ने अपने पत्र में कहा कि ITR फॉर्म में बड़े बदलाव, तकनीकी गड़बड़ियां और सिस्टम की समस्याओं की वजह से टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को काफी दिक्कत हो रही है. FKCCI के अध्यक्ष एमजी बालकृष्ण ने लिखा कि ITR फॉर्म में बदलाव और सिस्टम में तकनीकी खराबियों की वजह से रिटर्न फाइल करने की तैयारी में देरी हो रही है. इन समस्याओं की वजह से बोर्ड की डेडलाइन का पालन करना मुश्किल हो रहा है.
वहीं, चार्टेड अकाउंटेंट्स एसोशिएशन सूरत ने भी आईटीआर फाइलिंग की डेट को 15 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग की है. संगठन ने पोर्टल ग्लिच, प्राकृतिक आपदाओं के चलते डेट आगे बढ़ाने की मांग की है साथ ही उन्होंने अपनी डिमांड में यह भी जोड़ा है कि आने वाले समय में त्योहार पड़ रहे हैं, ऐसे में सभी टैक्सपेयर्स त्योहार की तैयारियां करेंगे न कि आईटीआर की टेक्निकल गड़बड़ियों में उलझे रहेंगे.
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत के प्रेसीडेंट हार्दिक काकड़िया ने कहा कि आजकल टैक्सेशन के काम में टैक्स पोर्टल का बोलबाला है. इसीलिए, अलग-अलग फॉर्म्स भरने के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर अपडेट्स का टाइम पर आना बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन सीबीडीटी इन फॉर्म को लेट जारी करता है और इसका कारण वही जानते हैं. सॉफ्टवेयर कंपनी, जो अभी इंफोसिस लिमिटेड है, इन अपडेटेड फॉर्म को यूजर्स तक पहुंचाने में काफी टाइम लेती है और जब ये फॉर्म्स आते हैं, तो उनके साथ ढेर सारी टेक्निकल प्रॉब्लम्स भी फ्री में मिलती हैं, जो यूजर्स के लिए सिरदर्द बन जाती हैं.